भगवान गौतम बुद्ध का जन्म दिन बुद्ध पूर्णिमा के दिन स्वरूप में मनाया जाता है, यह २६०० जन्म दिवस है ,८० वर्ष तक इनके ज्ञान का प्रकाश रहा ,इन्हें एशिया का प्रकाश कहा जाता है , उनका महा प्रयाण भी इसी दिन पड़ता है , जो सन्देश देता है ,कि सुबह खुशी है ,तो शाम को दुःख है ,|यानि आज सुखी है तो कल दुःख भी ज़रूर आयेगा, यही संसार का नियम है ,जिंदगी हर पल संघर्ष है ,और हमें इस चुनौती के साथ जीना आना चाहिए ,धुप -छाँव यही ज़िन्दगी है ,|
आप सब ने फिल्म spider man सभी तो देखी ही होगी ,हुजूम टूट पड़ता है ,फिल्म देखने ,spider man का कोई विलेन | विलेन नहीं होता ,मज़बूरी में बना हुआ बुरा व्यक्ति होकर भी आतंरिक द्वंद में अच्छा आदमी हो जाता है ,spider man की कहानी भावना ,आतंरिक द्वंद ,तड़प ,पसतावा,क्रोध ,आंसू ,लड़ाई ,बेबसी ,दोस्ती ,दुश्मनी ,प्रतिशोध और अच्छाई कि बुराई पर जीत कि कहानी होती है ,|
एक बार गौतम बुद्ध ज्ञान ,कर्म क्षेत्र के लिए दुसरे स्थान जाना होता है ,वह लम्बा रास्ता न चुनकर जंगल से जुड़कर जाना चाहते है ,वह जानते थे जंगल में ज़रूर खतरा होगा ,फिर भी वह जाते है ,| रास्ते में
महाभयंकर डाकू अंगुलिमाल रहता था ,उसका सिद्धांत था जो भी कामचोर इस तिरछे रास्ते से आयेगा ,वह उसे मार कर या उसकी अंगुलिया काट कर माला बना लेगा ,और वह ऐसा करता भी था ,| इसलिए लोग उसे अंगुलिमाल डाकू कहते थे ,उसके लिए उसे कोई दुःख दर्द नहीं होता था ,क्यों की वह भी ज़माने द्वारा सताया हुआ था ,|
गौतम बुद्ध उसके सामने आते है ,तो मानो उसको जोश और उर्जा आ जाती है ,मानो वह ताक में था ,वह भगवान को कायर , भगोड़ा ,कामचोर ,निर्लज , कहता रहता है ,भगवान चलते जाते है ,अंत में किसी तरह हुंकार के साथ कटार उठाता है ,गौतम बुद्ध शांत तब भगवान ने केवल अपना दाहिना हाथ आशीष मुद्रा में ऊपर उठाया उसकी आँखे चौधिया उठी ,
उसके ज्ञान चक्षु खुल गए वह भगवान के चरणों में आ गया ,तब भगवान ने उसे कहा जावो उस पेंड से कुछ पत्ते तोड़ लावो वह वैसा ही करता है ,तब भगवान उसे कहते है ,इसे पेंड से जोड़ दो ,वह कहता है ,यह संभव नहीं है , तब भगवान कहते है तोडना नहीं जोड़ना सीखो क्यों की यही कठिन कार्य है ,मारने वाले से बचाने वाले का अधिकार ज्यादा होता है ,और वही बड़े होते है ,और यही आत्मसुख है |बाद में अंगुलिमाल दर्द का साथी बन उनके साथ बौद्ध भिक्षु बन जाता है ,|
आप लोग उस हाथ की चमक और power को देखना चाहते है ,तो फिल्म kung fu hustle यू टीवी एक्शन पर पर या dvd पर देख सकते है ,
एक और फिल्म forbidden kingdom में बताया गया है ,अपने teacher की इज्जत करना सीखो ,यदि हम इच्छाओ ,मोह और लालच करना छोड़ दे तो हम अमर है ,पर वह अमर होना भी कोई अमर होना है ,एक दुसरे का दुःख दर्द बाटकर ,साथ मिलकर रहना , और मौत को स्वीकार कर लेना अमर होने से बेहतर है ,
अन्दर की ताकतों को खंगालना ही जीवन का दूसरा नाम है ,खंगालने से तात्पर्य है ,छिपी शक्तिवो को बहार लावो कैसे -किसे ??
आँखे बंद करो महसूस करो जैसे हम सांस लेते है ,पर यह देख नहीं पाते हमारे चारो तरफ शक्ति रुपी हवा है ,जिसके बिना -अभाव में जीवन संभव नहीं ,यह दिखती नहीं है ,इसी तरह कुछ हम देखते है कुछ दिखती नहीं ,हवा -पानी , पर इसकी ताकत अतुलनीय है ,सर्वश्रेस्ठ है , इसी तरह हमारा शरीर है ,जो दीखता है पर इसकी शक्तिया छुपी हुई है ,और दूसरी बात है ,जल जिसका रंग ,रूप, आकर ,और स्वाद नहीं होता परन्तु बड़े से बड़े पत्थर कट जाते है ,रास्ता छोड़ देते है ,हवा जो जल को सुखा देती ,पर जल हवा को शीतल (ठंडा ) बना देती है ,| अपने अनुसार बदल कर परिवर्तित कर देती है ,जल जिसका रूप है ,हम देख पाते है ,जिससे हमें भौतिक रूप है वह राहत प्रदान करता है ,| जल के बिना कुछ दिन रहा जा सकता है ,पर हवा बिना मिनट भर भी जीवन नहीं रह सकता | हवा बनो और जल की तरह ढलो अंत में यही की दोनों की महानता अमर और अतुलनीय है ,| हवा शक्ति प्रदान करती है ,जल राहत दोनों की महानता पर ही जीवन का पूरा सार है ,| देखना ,सुनना ,फिर कहना ही ज़िन्दगी है ,ये जल है ,पर यदि हवा और जल रुपी अहसास न हो तो व्यक्ति पत्थर और अमानुस है ,जाते जाते जिंदगी के प्रश्नों का उत्तर चाहिए तो नचिकेता और यमराज की प्रशन और उत्तर वाली कहानी पढ़े ,यक्ष बने धर्मराज (यमराज) और युधिस्टीर के प्रश्न उत्तर वाली कहानी पढ़े ,इसमें जैसे जल से पतला क्या है ,-ज्ञान
,पृथ्वी से भारी-पाप है ,अग्नि से तेज़ -क्रोध है ,काज़ल से काला कलंक है ,इत्यादि अनेको प्रश्न मिलेगे ,आप राजा के दरबार में छिपे वरुण देव पुत्र रुपी विद्वान और अस्टावक्र के शास्त्रथ और प्रश्न -उत्तर वाली कहानी भी पढ़े ,राजा परिक्षीत को शापित होने पर साँप द्वारा काटे जाने पर मृत्यु होने से पूर्व वेद व्यास पुत्र शुकदेव द्वारा दिया जाने वाला ब्रम्ह ज्ञान प्रसन उत्तर भी पढ़े ,गीता ज्ञान में अच्छे कर्म पर जोर दिया गया है , ये चारो -पांचो अमर कहानिया मृत्यु पर और मृत्युदेव पर और आत्मा का परमात्मा के साथ मृत्यु पर विजय कहानी है ,जरूर पढ़े ये केवल नेट पर नहीं मिलेगी -या अधूरी होगी ,
जिंदगी के लिए ----
दर्द ने दामन न छोड़ने का वादा किया ,
तब हमने उसे साथी बनाने का इरादा किया |
दर्द ने कहा साथी हमने कुछ ज्यादा किया ,
तब मैंने कहा साथी तेरे साथ से मैंने जीवन को सादा किया ,||
अंत में यही की ..अँधेरे में रहने वाला ही उजाले की कीमत पहचानेगा और उजाले को उत्पन्न करने की शक्ति हासिल कर सकता है ,||
लेखक ;- अनुग्रहित .....रविकान्त यादव ...एम् कॉम २०१०
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