१) अभी हाल में असहिष्णुता (intolrence ) या असहनशीलता को लेकर लेखको द्वारा पुरस्कार लौटाया गया , क्या पुरस्कार लौटा देने से असहनशीलता समाप्त हो जाएगी , क्या हम इस देश के नागरिक नहीं है ?
जो देश पुरस्कार दे सकता है , तो क्या उनकी छोटी सी बाते नहीं सुन सकता अतः देश का नागरिक होने की वजह से अपनी बात आगे ले जाने का अधिकार है । इस असहनशीलता का समाधान खोजना भी हमारा अधिकार व कर्तव्य है , क्यों की हम देश वासी सच्चे देश भक्त है ।
२) सियाचिन ग्लेसियर विश्व का सबसे उचा रणक्षेत्र , वहा का तापमान -45 तो कही -60 डिग्री सेल्सियस तक घट जाता है ,याद रहे पानी ० (ज़ीरो ) डिग्री सेल्सियस पर पानी जम कर बर्फ बन जाता है ।
सियाचिन ग्लेसियर जहा एक दिन का खर्च 4 करोड़ से 5 करोड़ के बीच आता है , जो विस्व में सर्वाधिक स्थान है ।
तथा वहा 1984 से लेकर अब तक 846 तथा अन्य सूत्र से 879 जवानो की विषम परिस्थितियों की वजह से मौते हुई है । अभी हाल ही में सियाचिन में 10 सेना के जवान बर्फ में दफ़न हो गए ६ दिन बाद उन्हें खोजा गया उनमे हनुमथप्पा की सांसे चल रही थी , उनकी सांसो की डोर के लिए पूरा देश एकजुट हो गया दुवाएं , प्रार्थनाएं चलने लगी परन्तु उनकी आखिरी सांस के साथ ही पूरा देश रो पड़ा ।
हम जैसे युवाओ को क्रोध भी आया की अगर उन्हें 6 दिन से पहले खोज लिया जाता तो हनुमनथप्पा जैसे देश के लाल आज जीवित होते , कभी हमारे प्रधानमंत्री जी ने जय जवान ,जय किसान का नारा दिया था इसका मर्म ये है , कि जो किसान पुरे देश को खिलाता है , उसी किसान के बेटे द्वारा ही 90% प्रतिसत युवा गाँव से निकलकर देश की रक्षा का प्रण लेते है , 90% प्रतिसत गाँव से किसान के बेटे ही सेना में भर्ती निकाल पाते है । परन्तु आज जवान व किसान की स्थिति हमसे छुपी नहीं है ।
३)अभी हाल ही में दिल्ली में J.N.U. में देश विरोधी नारे लगे , नारे लगाने वाले जानते थे कि वो भारत देश में रह रहे है । अगर वो ये नारे किसी अन्य देश में लगाते तो इसका परिणाम वो वहा के संविधान से मालूम कर सकते है । अगर वो देश में नहीं रहना चाहते है , तो उनका वीजा मै फ्री में बनवा दुगा वो वहाँ जाकर रह सकते है ।
जो भरा नहीं है , भावो से जिसमे बहती रसधार नहीं ,।
वह हृदय नहीं पत्थर है , जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं ।।
लेखक;-स्वदेशी........ रविकान्त यादव join me facebook.com/ravikantyadava
जो देश पुरस्कार दे सकता है , तो क्या उनकी छोटी सी बाते नहीं सुन सकता अतः देश का नागरिक होने की वजह से अपनी बात आगे ले जाने का अधिकार है । इस असहनशीलता का समाधान खोजना भी हमारा अधिकार व कर्तव्य है , क्यों की हम देश वासी सच्चे देश भक्त है ।
२) सियाचिन ग्लेसियर विश्व का सबसे उचा रणक्षेत्र , वहा का तापमान -45 तो कही -60 डिग्री सेल्सियस तक घट जाता है ,याद रहे पानी ० (ज़ीरो ) डिग्री सेल्सियस पर पानी जम कर बर्फ बन जाता है ।
सियाचिन ग्लेसियर जहा एक दिन का खर्च 4 करोड़ से 5 करोड़ के बीच आता है , जो विस्व में सर्वाधिक स्थान है ।
तथा वहा 1984 से लेकर अब तक 846 तथा अन्य सूत्र से 879 जवानो की विषम परिस्थितियों की वजह से मौते हुई है । अभी हाल ही में सियाचिन में 10 सेना के जवान बर्फ में दफ़न हो गए ६ दिन बाद उन्हें खोजा गया उनमे हनुमथप्पा की सांसे चल रही थी , उनकी सांसो की डोर के लिए पूरा देश एकजुट हो गया दुवाएं , प्रार्थनाएं चलने लगी परन्तु उनकी आखिरी सांस के साथ ही पूरा देश रो पड़ा ।
हम जैसे युवाओ को क्रोध भी आया की अगर उन्हें 6 दिन से पहले खोज लिया जाता तो हनुमनथप्पा जैसे देश के लाल आज जीवित होते , कभी हमारे प्रधानमंत्री जी ने जय जवान ,जय किसान का नारा दिया था इसका मर्म ये है , कि जो किसान पुरे देश को खिलाता है , उसी किसान के बेटे द्वारा ही 90% प्रतिसत युवा गाँव से निकलकर देश की रक्षा का प्रण लेते है , 90% प्रतिसत गाँव से किसान के बेटे ही सेना में भर्ती निकाल पाते है । परन्तु आज जवान व किसान की स्थिति हमसे छुपी नहीं है ।
३)अभी हाल ही में दिल्ली में J.N.U. में देश विरोधी नारे लगे , नारे लगाने वाले जानते थे कि वो भारत देश में रह रहे है । अगर वो ये नारे किसी अन्य देश में लगाते तो इसका परिणाम वो वहा के संविधान से मालूम कर सकते है । अगर वो देश में नहीं रहना चाहते है , तो उनका वीजा मै फ्री में बनवा दुगा वो वहाँ जाकर रह सकते है ।
जो भरा नहीं है , भावो से जिसमे बहती रसधार नहीं ,।
वह हृदय नहीं पत्थर है , जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं ।।
लेखक;-स्वदेशी........ रविकान्त यादव join me facebook.com/ravikantyadava
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