Wednesday, July 6, 2016

डॉलर और रूपया (dollor vs rupees )


कुवैत दीनार , बहरीन दीनार  , अरब  रियाल, (ओमान  ) , ब्रिटिश पौंड , यूरोपियन यूनियन का यूरो , स्विस france , लीबियन दीनार ,  के बाद डॉलर 8 वी  सबसे बड़ी मुद्रा है । परन्तु आज़ादी  के समय यह भारतीय रुपया के बराबर था । 
फिर ६ रूपये , ७ रूपये इस तरह बढ़कर आज १अमेरिकन  डॉलर  ६७.४९ रूपये के बराबर है । 
यानि एक डॉलर  औकात ६७.४९ भारतीय  रूपये के बराबर है । 



67.49  रूपये लेकर अमेरिका जाएंगे तो वहा आपको कानूनन  एक डॉलर दिया जायेगा यानि वहा  के देश अनुसार एक  रुपया । 

अब आप १ रूपये में क्या खरीदेंगे क्या खाएंगे और क्या घूमेंगे जबकि वही अगर विदेशी यहाँ आते है , तो मौज करेंगे । 




विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था (जीडीपी ) को ७ वे स्थान पर  माना जाता है । विश्व में कुल 196 देश है , वही भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व बैंक अनुसार 189 देशो  में से 130 वी है । 130 पायदान पर है । 



आइए जानते है , रूपये  बराबर वाला डॉलर क्यों बढ़ता गया इसके लिए वो सभी  कारक है , जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करे जैसे ;-

१) आयात  -निर्यात ( import -export )
२) मुद्रा स्फीति ( मुद्रा मूल्य घटना १० रूपये की वस्तु की जगह २० रूपये देना ) inflation 
३) रोजगार ( employment )
४) ब्याजदर (interest rate )
५)  विकास  दर (growth rate )
६) व्यापार घाटा (trade deficit )
७) शेयर बाज़ारो  में तेज़ी का प्रदर्शन ( performance of equit markets )
८) विदेशी मुद्रा भण्डार (foreign exchange reserves )
९ )व्यापक आर्थिक नितिया (macro economic policies )
१०) विदेशी निवेश (foreign investment inflows)
११) बैंकों की पूंजी या बैंकिंग पूंजी (banking capital )
१२) कमोडिटी (कच्चे माल या कृषक उत्पाद की कीमतें )(commodity prices )
१३) चल रहे राजनितिक हालात  ( भ्रस्टाचार व कालाधन आदि ) (geopolitical prices )
१४) विदेशी मुद्रा की मांग  होना ( विदेशी उत्पाद या वस्तुवों की हर संभव जरुरत ) (forex demand )
१५) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क़र्ज़ लेना जैसे विश्व बैंक आदि 
तो  प्रश्न उठता है , क्या हम  1947 से अब तक सो रहे है , या इन क्षेत्रो में कोई सार्थक कार्य नहीं  हुआ । 
आज़ादी के बाद ये कैसी आज़ादी है , जो हमें कमजोर कर रही है ?। 
लेखक;- रूपये के साथ...... रविकान्त यादव for more click facebook.com/ravikantyadava 














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