कुवैत दीनार , बहरीन दीनार , अरब रियाल, (ओमान ) , ब्रिटिश पौंड , यूरोपियन यूनियन का यूरो , स्विस france , लीबियन दीनार , के बाद डॉलर 8 वी सबसे बड़ी मुद्रा है । परन्तु आज़ादी के समय यह भारतीय रुपया के बराबर था ।
फिर ६ रूपये , ७ रूपये इस तरह बढ़कर आज १अमेरिकन डॉलर ६७.४९ रूपये के बराबर है ।
यानि एक डॉलर औकात ६७.४९ भारतीय रूपये के बराबर है ।
67.49 रूपये लेकर अमेरिका जाएंगे तो वहा आपको कानूनन एक डॉलर दिया जायेगा यानि वहा के देश अनुसार एक रुपया ।
अब आप १ रूपये में क्या खरीदेंगे क्या खाएंगे और क्या घूमेंगे जबकि वही अगर विदेशी यहाँ आते है , तो मौज करेंगे ।
विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था (जीडीपी ) को ७ वे स्थान पर माना जाता है । विश्व में कुल 196 देश है , वही भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व बैंक अनुसार 189 देशो में से 130 वी है । 130 पायदान पर है ।
आइए जानते है , रूपये बराबर वाला डॉलर क्यों बढ़ता गया इसके लिए वो सभी कारक है , जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करे जैसे ;-
१) आयात -निर्यात ( import -export )
२) मुद्रा स्फीति ( मुद्रा मूल्य घटना १० रूपये की वस्तु की जगह २० रूपये देना ) inflation
३) रोजगार ( employment )
४) ब्याजदर (interest rate )
५) विकास दर (growth rate )
६) व्यापार घाटा (trade deficit )
७) शेयर बाज़ारो में तेज़ी का प्रदर्शन ( performance of equit markets )
८) विदेशी मुद्रा भण्डार (foreign exchange reserves )
९ )व्यापक आर्थिक नितिया (macro economic policies )
१०) विदेशी निवेश (foreign investment inflows)
११) बैंकों की पूंजी या बैंकिंग पूंजी (banking capital )
१२) कमोडिटी (कच्चे माल या कृषक उत्पाद की कीमतें )(commodity prices )
१३) चल रहे राजनितिक हालात ( भ्रस्टाचार व कालाधन आदि ) (geopolitical prices )
१४) विदेशी मुद्रा की मांग होना ( विदेशी उत्पाद या वस्तुवों की हर संभव जरुरत ) (forex demand )
१५) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क़र्ज़ लेना जैसे विश्व बैंक आदि
तो प्रश्न उठता है , क्या हम 1947 से अब तक सो रहे है , या इन क्षेत्रो में कोई सार्थक कार्य नहीं हुआ ।
लेखक;- रूपये के साथ...... रविकान्त यादव for more click facebook.com/ravikantyadava
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