Monday, December 31, 2012
हैवानी भेड़िये ( indian shame )
अभी हाल ही में जो देल्ही रेप केस हुआ , वह वाकई मनुष्य जात को शर्मसार कर देने वाली घटना है , । जब -जब भी यह घटना होती है , वह महिला एक समय के लिए जिन्दा लाश बन जाती है ,। उसका भविष्य दम तोड़ देता है ,। भारत में यह घटना हर गाँव हर शहर में होती है ,| लेकिन लोक लाज की वजह से 50% बाहर नहीं आ पाती , । विश्व में वर्तमान में आंकड़ो में तकरीबन 243 देश आते है ,और उनमे रेप में भारत 5वे से 4थे नंबर पर आ गया है , । कई गाँवो में तो पंचायते बलात्कारी से ही शादी का फैसला सुना देती है , । जिस देश में महिलावो की पूजा होती है , वही यह कानून सबसे लचर है , तो स्वभाविक है, यह कुकृत्य भी ज्यादा होगा ,हमारी देवीयों काली ,दुर्गा के आठो हाथो में अस्त्र -शस्त्र है , तो कानून बनावो ,उसे सुधारो और भारतीय महिलावो के आठो हाथो में ताकत भर दो , मेरा तात्पर्य है , महिलायों के लिए उनके हित में पुरुषो की अपेक्षा आठ गुना मजबूत कानून संबिधान बने ,लोक सभा को तुरंत आपात बैठक बुला कर बिना हिला -हवाली के एक मजबूत कानून और सजा महिलावो के हित में हो वह भी कई गुना ज्यादा ।
कई तमाम देशो में चोरी की सजा हाथ काट देना , स्मगलिंग की सजा सर उड़ा देना आदि है , । हमारे देश के महानगरो जैसे दिल्ली ,मुंबई आदि में रातो दिन शराब आदि बिकता रहता है , तथा इन पर रोक लगे तथा इनकी नियमित जाँच हो , चेकिंग हो ,।
क्यों की ये हवसी दरिन्दे हमारी- आपकी बच्चियों का पीछा कर घर तक पहुच जाते है , । यदि इस भारत देश में अभी एक अति सख्त कानून नहीं बना तो फिर शायद ही बने , या फिर एक लड़की को तलवार ,चक्र आदि सौप कर खुद ही सजा देने दो ,।
दिल्ली में साल भर में 661 रेप केस हुए है , क्या दिल्ली पुलिस सो रही है , या केवल m .p . m .l .a की रक्षा में व्यस्त है ,?।भारत में 2011 में 24206 रेप केस हुए है, जो इस साल और भी अधिक होगा , औसत के आधार पर देखे तो यह बहुत -बहुत ज्यादा है ,। यानि हर गली और मोहल्ले में यह केस मिलेगा ,।
मैंने पहले ही कहा है , जो कानून नासूर बन जाये ,उसे हटा कर नया -दूसरा कानून बने , कानून स्थिर नहीं होना चाहिए , इसे वर्तमान से चलाना -जोड़ना चाहिए , यही एक देश के लिए विकास और गर्व की बात होगी ।
जरुरत है , इन्हें समाज से बहिस्कार कर ,इन हैवानी भेडियो के दांतों को कुतरने की, दिल्ली केस में तो इन्हें शीघ्रतम फाँसी हो ।
लेखक;-देशवासी ...रविकान्त यादव
Monday, December 24, 2012
सन्यासी..... सचिन (a era of cricket)
एक खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ी बात होती है , खुद का आकलन करना , कि वह किस स्तर पर है ,उसका आत्म विश्वास कहा है |
सचिन रमेश तेंडुलकर ने अपना आकलन किया कि अब वह वन डे योग्य नही रह गये है | और क्रिकेट से सन्यास ले लिए है , परंतु हम कट्टर प्रसंशक यह जानते हुए भी कि अब सचिन क्रिकेट से सन्यासी हो गये है , लेकिन जी नहीं मानता , काश ये खबर झूठी निकल जाय | परंतु यही सच्चाई है ,ये दिन हर खिलाड़ी के जीवन मे आता है ,| चाहे वह कोई भी हो , किसी भी देश का हो , रिकी पोंटिंग जैसा जिद्दी खिलाड़ी भी हाल के उदाहरण है | हालांकि सचिन सर के 23 साल का योगदान व समय छोटा नहीं है , |
हम फ़ैन क्रिकेट के सबसे लंबे लोकप्रिय प्रारूप से आँसुओ के साथ इस हरफनमौला खिलाड़ी को अलविदा कह रहे है ,|सच्चे खिलाड़ी के लिए रेकॉर्ड बनाए नहीं जाते रेकॉर्ड बन जाते है| ........।

लेखक ;- फ़ैन..रविकान्त यादव
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