दोस्तों आज १ अगस्त मेरा जन्म दिन है ,आज मै अपनी अच्छी कहानियों में से एक यहाँ और एक अपने दुसरे ब्लॉग पर प्रस्तुत कर रहा हु,| आशा है आपको भी अच्छी लगे ,|एक व्यक्ति अच्छा व्यक्ति यात्रा हेतु कही जा रहा था ,|रास्ते में रात हो जाती है ,| रास्ते में उसे शैतान का पुजारी घेर लेता है ,वह पुच्छ्ता है ,कहा जा रहे हो , तब वह कहता है ,मै ईश्वर का भक्त हु और मरते दम तक अपने अच्छे कर्म - कर्त्तव्य पर विश्वास रखता हु ,तब शैतान का पुजारी बोलता है ,मै भी अपना कर्म करुगा तुझे मार सकता हु , सता सकता हु ,| दोनों अपने -अपने चरित्र के अनुसार थे ,| सारी परिस्थितया ईश्वर भक्त के विपरीत रहती है ,|फिर भी उसने भक्ति ,शक्ति और साहस का दामन नहीं छोड़ता ,|तर्क से बात जीद तक पहुच गयी दोनों ने अपनी पूजा से अपनी तर्क वाद -विवाद के लिए अपनी -अपनी शक्तियों का आह्वान किया ,शैतान औए भगवान के दूत आ जाते है ,|शैतान का उद्देश्य भगवान के भक्त को प्रभावित कर अपनी तरफ मिलाना और भगवान के दूत का उद्देश्य शैतान को अपनी तरफ मोड़ना था ,|
शैतान दूत बोला ;-मै नये नये तरीके को जन्म देता हु ,|
भगवान दूत :-तुम जिसलिए तरीके तलाशते हो ,उसे मै उत्पन्न करता हु ,|
शैतान दूत बोला ;- मै न रहु तो तुम्हारा कुछ न रहे ,|
भगवान दूत बोला ;- मेरा है ही क्या ? कुछ ले सकता है तो ले ले ,|
शैतान बोला :- तुम्हारा वजूद मेरी वजह से है |
भगवान दूत बोला ;- वजूद तो शिव का भी होता है |
शैतान दूत बोला :- मै प्यास हु ,आ तुझे हर तरह से तृप्त कर दु|
भगवान् दूत बोला ;-मै आस हु , आ मै तुझे इससे मुक्त कर दु |
शैतान बोला ;- मै गरज हु जिसे तुम सुन सकते हो |
भगवान का फरिस्ता बोला ;- मै चमक हु ,|जिसे तुम देख सकते हो |
शैतान बोला ;- मै पहाड़ हु ,|
भगवान दूत बोले ;-मै पत्थर हु |
शैतान बोला ;- मुझसे उलझ नहीं ,वरना मै आग हु ,|
भगवान दूत बोला ;- तू जहा से ख़त्म होगा वहा से मै आरम्भ हु |
शैतान दूत बोला ;- देख ये काली रात मेरी है ,|
भगवान दूत बोला ;- देख वो टिमटिमाते सितारे मेरे है ,|
क्रमशः ;-........due to piracy( संगीत इसके नीचे है )
लेखक ;-आस्तिक .... रविकांत यादव २०१०
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