* भूतो को देखकर भाग जाने वाले नहीं , भूतो को देखकर जानने वाले सफल होते है ,।
* अभ्यास करना विद्या की पहली व आखिरी सीढ़ी है ,।
* शाकाहार व अहिंसा देवत्व की प्राप्ति की ओर कदम है ।
* पहले से ही आशा बनाना मुर्खता है ,।
* एक नजर से समय किसी की नहीं सुनता अपने मन की करता है , दुसरे लोग समय सबकी सुनता है ,और उनके मन की करता है ।
* ध्यान रखो , हर महीने एक सफल व्यक्ति मरता है , और उसकी सफलता हम तक पहुचती है ,।
* कार्य से समझौता करने वाले कार्य क्या करेगे ?
* मै अपना सारा या तमाम धन वही फेक दुगा जिनके जरिये , माध्यम या लोगो से मेरे पास आ रहा है , या पंहुचा है । ये सोच व रचना हेतु अत्यंत जरुरी है ।
* हमारी बाते यदि किसी को प्रभावित कर लेती है, तो वह हमारी सार्थकता होगी ।
* समाज में पैर खीचने की रित है , अतः अलग करने की इच्छा वाले भेंड झुण्ड से बाहर निकल आते है ।
* किसी को अपनी यादो में जिन्दा रखना अपने लिए एक अच्छी उपलब्धि है , और दुसरे के लिए उसकी महानता ।
* श्री राम और कृष्ण को दुनिया जानती है , पर क्या उनके गुरुवो को जानती है ? जिनके बिना वो कुछ नहीं .।
* हमारी आकांक्षाये अपनी जरुरत है , पर कुदरत का नियम तो नहीं बदल सकता ।
* सभी इच्छावो के मरने के बाद दुखो से भारी विष्णु उत्पन्न होता है ।
* सारे दुखो कष्टों को सहने के बाद शिव उत्पन्न होता है ।
* हर दयित्व को निभाने की काबिलियत वाला ब्रह्मा होता है ।
* जीव -जंतु सेवा परमात्मा की सेवा है ।
* ध्रुव तारा अटल विश्वास का प्रतीक है , जिसके दर्शन से मुश्किल शुभ कार्य आसान हो जाते है ।
* अच्छे और बुरे में फर्क व्यक्ति की पहली प्राथमिकता हो ।
* दिल से दुसरे के लिए दुआ ,पूजा, प्रार्थना तुरंत प्रभावी होने लगती है ।
* हम अगर सफल है तो हमारे लोगो को तेज़ और उर्जावान होना चाहिए ।
* यदि सद्बुद्धि नहीं तो जीवन व्यर्थ है ।
* उम्र, क्रूरता बुराई को छिपा नहीं सकती ,अतः धारणाये गलत हो सकती है ।
* पेंड -पौधे से प्रेम करने वाले आज कल कम ही मिलते है ।
* अपनी आँखे बंद करो और दिल से सोचो की मै क्या हु , और फर्क महसूस करो ।
* सच्चा दोस्त ख़ुशी चाहता है ।
* दुसरो को बेइज्जत करके कभी बड़ा आदमी नहीं बना जा सकता ।
* वर्तमान समय में काम कम और नाम ज्यादा बिकता है , क्यों की नाम में वर्षो दसको बीत जाते है ।
* मै आपसे दुर हु , इसका ये मतलब नहीं ,मै आपको भूल जाउगा और मिलुगा नहीं ,अतः दुरिया दिल से कभी भी दूर नहीं होती ।
* अक्सर प्यार हर उपेक्षित बात का नकार देता है ।
* ये संसार एक जंगल है , तमाम फल- फूल है , तो कुछ खौफनाक जानवर भी मिल जायेगे ।
* जरूरतों को मारना सबसे बड़ी तपस्या है , और न समझना बेवकूफी ।
* मन,मस्तिष्क में संतुलन बना कर चलने से आप भटकेगे नहीं ।
* आप जो भी हो यदि आप किसी का भला नहीं कर सकते तो आप कुछ नहीं हो ।
* साईं बाबा का "संयम" शब्द हमें सिखाता है ,इससे भी बुरा हो सकता था , संयम बहुत कुछ सिखाता है ,अतः यह एक जादुई शब्द है ।
* जिंदगी में तमाम झंझावत और झमेले होगे ,जरुरत है अच्छे के प्रति अपना रास्ता बना कर चलने की ।
* जीवन -मरण के चक्र से मुक्ति का लक्ष्य लेकर जीना चाहिए ।
* विचारो पर विचार करने पर ही कुछ मिलेगा ।
* हमारा बोल -बचन हमारी सारथी का कार्य करता है ।
* स्वाभिमान और घमंड में बहुत अंतर है, और साथ ही बारीकी भी ।
* श्रृंगार न हो तो सभी नीरस लगेगा ,यहाँ तक यह धरती भी ।
* प्यार,पैसा, प्रतिष्ठा तीनो को बनाकर रखना जीवन में नसीब वाली बात है ।
* न हिन्दू बनो न मुस्लमान डर इस बात का हो कि दोनों के बीच सम्मान ख़त्म न हो जाये ।
* सबसे खतरनाक प्राणी कौन है ,उत्तर है ,मनुष्य ।
* सबसे खतरनाक प्राणी कौन है ,उत्तर है ,मनुष्य ।
* दर्द से दोस्ती कर लो तब इसके अभाव में अच्छा नहीं लगेगा ।
* समय एक सच्चा परीक्षक है ।
* अच्छाई की कीमत अधिकतर परेशानी है ।
* जिस प्रकार बिना आधार (नीव) के मकान नहीं बनता ठीक उसी प्रकार भूत के बिना वर्तमान नहीं ।
* किसी को भूलने के लिए न नफरत हो न प्यार तब आप उसे भूल जायेगे ।
* आप पैसा रखे तो अपनी सुरक्षा भी रखे
* जिसने अपनी इन्द्रियों को सोचा समझा ,अपने मन- शरिर को अच्छाई के लिए प्रयोग किया तथा अपने जीवन को सदा मानव जीवन से आगे तक विकसित किया व प्रयोग किया वही भगवान् है .....।
* बच्चे कुम्हार की मिट्टी जैसे होते है , जो नर्म मुलायम होते हुए भी उन्हें किसी भी रूप में तराशा (बनाया) जा सकता है ।
लेखक;- विचारक ....रविकान्त यादव
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