Thursday, November 14, 2013

क्रिकेट का योद्धा (warrior of cricket)

सचिन के सन्यास के साथ ही ,क्रिकेट के एक सदी का अंत हो गया । मै यह कहना चाहुगा कि वो एक क्रिकेट के खिलाडी कम योद्धा ज्यादा थे । तमाम चोटो से उबर  कर ,उन्होंने कई विजय धव्ज को स्थापित किया ।
वो खिलाडी के रूप में वो पूरी तरह क्रिकेट को समर्पित योद्धा थे ।
उनके जीवन  कैरियर  में one डे मेंउनका औसत हर मैच में उन्होंने ४० रन का योगदान दिया है ।और टेस्ट में हर पारी में  सब मिला कर, हर मैच में उन्होंने ७०  रन बनाये है । 
आप इसी से अंदाजा लगा सकते है, कि सचिन न होते तो इंडिया क्रिकेट का क्या होता । 
उन्हें खेलते देख बस यही प्रार्थना होती कि ३०, अर्धसतक हो जाये और अर्ध शतक ,शतक  बन जाये । 
अब जब उनका बल्ला व हौसला साथ नहीं दे रहा है , तो उनका सन्यास लेना  ही हितकर है । अब कल उनके आखिरी टेस्ट ( २००) वे  कहा तक स्कोर करते है । ?? जो भी हो हम क्रिकेट प्रेमियो के लिए उन्हें भूलना मुस्किल ही नहीं ,नामुमकिन है ॥ 
लेखक;- फैन  … रविकान्त  यादव 

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