Friday, May 8, 2015

जाम का झाम ( trouble and suffering )

बात करते है , वाराणसी के ह्रदय स्थल गोदौलिया से लेकर मैदागिन तक की जाम की समस्या का, जहा एक- दो कार ही जाम लगाने के लिए काफी है , । वहा ,एक तो संकरी एक लेन सड़क ,उस पर दो -दो कूड़ा ढोने  वाली ट्रके , दो-तीन बड़ी स्कूल बसे , चार पांच गुत्थम गुत्था रिक्शे वाले , पुलिस की जीप , crpf की ट्रक , ऊपर से दो-तीन  मुर्दा शरीर (dead बॉडी) लिए 15 -18 लोग ये लोग कभी बाये जाते है - तो कभी दाये , पैदल जाना ही दुस्वार है ,तो डेड बॉडी लेकर कैसे जाय , मैंने देखा एक मुर्दा बॉडी बड़ी तेजी से उठा और बोला अरे मरने के बाद भी चैन नहीं लेने  दोगे क्या ? लेकिन तेज़ी से फिर उसी मरे अवस्था में चला गया ,।
अगर इन सभी से आप बच गए तो गारंटी है , जुलुस और सांडो से आप नहीं बच पायेगे , अगर आप v. i. .p नहीं तो घंटो रोड पर खड़े रहने आदत  डाल ले ,हा कृपया अपना इंजन जरूर बंद कर ले , अरे  भइया ये ओवरब्रिड्ज और मेट्रो कब बनेगा , । सुना है ,चार पहिया वाहनो  का आना -जाना गोदौलिया से मैदागिन तक  बंद हो रहा है , ये तो अति सराहनीय कदम है , । और जो लोग इसके विरोध की सोच रहे है , वो लोग केवल नीजी हित देख रहे है ,। जो नीजी हित देख रहे है, वो ये भूल जाते है , कि वो भी जनहित के अंग है , । 
                                     लेखक;- रोड पर खड़े और बचते -बचाते ....... रविकान्त यादव 




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