1 ) बंदेमातरम (कविता )= लेखक;- बंकिमचन्द्र चटर्जी, अर्थ = भारत भूमि को सलाम (मातृ भूमि तुझे प्रणाम )
2 )इंक़लाब जिंदाबाद =कहने वाले ,भगत सिंह , अर्थ = क्रांति अमर रहे
३) सत्याग्रह =कहने वाले =राष्ट्रपिता मोहन दास करम चन्द्र गांधी =अर्थ = सत्य प्रेम का अर्थ है और दृढ़ता से उस पर टिके रहना अर्थात सत्य पर रहना
4 )जन गण मन =लेखक= गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर -अर्थ = लोगो के बीच जो उनके दिल दिमाग में सुपर हीरो है
5 )जय हिन्द =अर्थ = भारत की विजय हो , भारत अमर रहे , हे भारत =कहने वाले;- =पहले नेताजी बोस के सचिव translater और स्वयं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस
6 )वैष्णो जन (गीत भजन गांधी जी का प्रिय भजन )=लेखक;- नरसिंघ मेहता ,अर्थ=जीवन,आदर्श,व विचारो की स्वक्षता जो पालनकर्ता विष्णु के भक्त है।,तथा दुसरो की पीड़ा को समझे
7 )तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आज़ादी दुगा (भाषण अंश )=बोलने वाले =नेताजी सुभाष चन्द्र बोस =अर्थ=देश के लिए अपने बच्चो युवाओ का मुझे दान दो ,इस खून के महासागर में ब्रिटिश साम्राज्य को डुबो दो
8 ) simon go back =कहने वाले =लाला लाजपत राय =अर्थ= अंग्रेजो क्रूर कठोर मालिको भारत छोडो (वापस जावो )
9 ) कौमी एकता जिंदाबाद=अर्थ =देशवासी आपस में न लड़े ,पहले हम भारतीय है ,फिर हिन्दू -मुस्लिम आदि ,राष्ट्रीय एकता अमर रहे
10 )सरफ़रोशी(कविता) =कहने वाले =राम प्रसाद विस्मिल =अर्थ =क्रांति की इच्छा ,चाहत,समर्पण,संघर्ष ,
11 ) स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधकार है =कहने वाले =बाल गंगा धर तिलक = अर्थ= हमारी आने वाली पीढ़ी गुलामी में न जीये ,आज़ादी पर हमारा जन्म से ही अधिकार है
12 )सत्यमेय जयते =कहने वाले =मदन मोहन मालवीय (अपनाना मंडूक उपनिषद से )=अर्थ= सत्य की जय हो ,(जीत हो)
लेखक;- आज़ादी की ओर से ;- रविकान्त यादव
वैसे तो हमारे देश को आज़ाद हुए ६८ वर्ष हो गए , 130 करोड़ जनता ,१२२ भाषाओ ,1600 बोलीयो ,तथा 7 धर्मो वाले देश में कहने को तो हम आज़ाद है । परन्तु क्या ,हमारा system सच्चे अर्थो में आज़ाद है ।
1)क्या हम रात में सुरक्षित है , अपराध से आज़ाद है ।
२) क्या हम भ्रस्टाचार से आज़ाद है ।
3 ) क्या हम घूसखोर पुलिसियो से आज़ाद है ।
४) क्या हम रेपिस्टो से आज़ाद है , मैंने एक आतताई ,कुकर्मी ,दुष्कर्मी ,नन्दलाल यादव के खिलाफ c.m से लेकर d.m. तक को लिखा परन्तु पुलिस में एक उल्टा मुझे ही पागल बोल कर चला गया ,उसके पश्चात एक झूठे आरोप में मुझे बार -बार परेशान किया गया एक बार दो पुलिस वाले पडोसी के सुचना पर की घर में कोई नहीं है ,निहार नंदन जी घर में घुस गए तथा एक पुलिस वाले अखिलेश राय जो दारू पिए हुए था ,घर में घुसना चाहा तथा घुस लेकर चला गया । मैंने इस पर पत्र लिखा ,कोई सुनवाई नहीं ,आम जनता कहा तक सुरक्षित है? ?? इस देश में कुछ नहीं होता ,सब दिखाने को खानापूर्ति है ।
5)क्या हम उच्च -निम्न ,पक्षपातो से आज़ाद है ,।
6 )क्या हम अशिक्षा से आज़ाद है ।
7 )क्या हम बेरोजगारी से आज़ाद है ।
8 )क्या हम अव्यववस्था से आज़ाद है ।
9 )क्या हम तानाशाही से आज़ाद है ।
10)क्या हम बाल श्रम व उनको मिलने वाले अधिकारों से आज़ाद है ।
11 )क्या हम दहेज़ हत्या ,प्रताड़ना ,आदि से आज़ाद है।
12 )क्या महिलाये व बच्चे ,बच्चियां अकेले दिन में ही सुरक्षित है ।
लेखक;-सिस्टम से(with system )……… रविकान्त यादव
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