एक मनुष्य था ,बड़ा तेज़ शातिर व ज्ञानी परन्तु वह अपने ज्ञान का प्रयोग गलत कार्य के लिए करता चोरी करता दुसरो की मेहनत धन कार्य को नजर अंदाज़ कर ,दुसरो की चमक दमक उससे देखी न जाती सो वह चोरी से उनका धन , सामग्री ,कार्य ,आदि चुरा लेता था ,मृत्यु तो अटल है ,अतः उसकी भी मृत्यु हो जाती है ,विधाता के कोर्ट में उसकी सुनवाई होती है ,कोर्ट के विधाता के वकील यह दलील देते है ,की इस नराधम मानव को पहले इसके कर्मो की सजा मिले नरक मिले ,उस मानव को हजारो -लाखो वर्ष नर्क भोगने और अन्य कीड़े मकोड़े आदि जन्मो के पश्चात फिर मानव जन्म का योग प्राप्त होता है ,

ये तो रही कहानी पर मेरे ब्लॉग साईट को चोरी और हैक करने कि कोशिस करने वाले केवल अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मारेगे, मेरे ब्लॉग पर केवल अपनों का ही अधिकार है ,
लेखक ;- चोरो से बचते हुए शिकार .....रविकान्त यादव एम् कॉम 2010
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