Friday, April 6, 2012

भक्त का मान


आज भगवान हनुमान जी का जन्मदिन है , जो रामनवमी के बाद पड़ता है , | आज ही संयोग से प्रभु यशु जी का बलिदान  दिवस है ,जिसे गुड फ्राइडे कहते है , यह दिवस फ्राइडे को पड़ता है, इसलिए इसे गुड फ्राइडे  कहते है ,| जिसका अभिप्राय है , सत्य मार्ग मे भले ही कितने कस्ट  हो हमे सत्य -कर्म मार्ग से विचलित  नहीं होना चाहिए ,| ऐसा मान्यता है , कि प्रभु यशु बलिदान के तीन दिन बाद पुनः जीवित हो भक्तो से मिलते है , अतः इसे ईस्टर के रूप मे मनाया जाता है ,|



एक  भक्त थे , कर्मठ ,लगनशील , उन्हे विश्वास था ,एक दिन उनके प्रभु ,उनका जरूर मान रखेगे , और दर्शन देगे , इसके लिए भक्त जी , पूरे प्रभुमय होने के लिए , अपने घर मे भगवान के अनेक रूपो के तस्वीर लगा रखे थे ,तस्वीर भी ऐसी मानो भव्यता के साथ अनेक रूपो मे भगवान कर्मरूपी सजीव हो उठे , भक्त को भगवान से कोई शिकायत  नहीं थी , परंतु भगवान अपने भक्त के मान से स्वयं बधे रहते ,भक्त प्रतिदिन मंदिर मे मनोयोग से प्रवचन करते ,परंतु इससे अंजान की प्रतिदिन उनके प्रवचन मे स्वयं प्रभु जरूर शामिल  रहते,  एक दिन प्रवचन के दौरान भक्त ने अपने दिल की बात न चाहते हुए भी जाहिर की , |




कि" इतने वर्षो से प्रवचन कर रहा हु ,लेकिन अभी तक अपने आराध्य देव का दर्शन नहीं कर सका ", इस बात ने भगवान जी को दुविधा मे डाल दिया कि । मेरा भक्त तो मेरे सभी रूपो का आराध्य है ,तो फिर मुझे उसे कौन से रूप मे दर्शन देना होगा ????


                                                  लेखक ;- भक्त , राविकान्त यादव

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