इस १५ अगस्त हमारा देश ६५ साल का हो जायेगा , कहने को तो आज आजादी का दिन है ,|पर उनके लिए जो सिर्फ अमीर है , आजादी १९४७ में मिली तो हमारे पास सब कुछ था , एक महगाई नहीं थी ,| अब वो दिन पर दिन आजादी के साथ अपना पर्व भी मना रही है , भारत का अन्य मुद्रावो को ढोना, आर्थिक गुलामी जैसा है , एक गाना तो आपने सुना ही होगा महगाई डायन खाय जात है , आइये जानते है, महगाई के कारण , पहला प्रमुख कारण है , आधुनिकीकरण की अंधी दौड़ ,
अभी बहुत दिन नहीं हुए , जब ५ पैसे से भी कम पैसे चलते थे , लोग साइकिल को हीरो जेट की तरह सजा कर रखते थे , परन्तु आज की उडती महगाई की मार बेहिसाब गरीब पर पड़ रही है , परन्तु यह महगाई जब जब बढ़ेगी तो देश भक्तो को सचेत हो जाना चाहिए की यह सरकार ठीक नहीं है , चाहे वह किसी की भी दल की सरकार हो , मैंने एक research भी किया है, कि, किसका कितना कालेधन कहा है? , इसमें सभी प्रमुख पद वाले व मिलीभगत वाले है , स्विस banko में तो १०० करोंड़ तो starting है ,|
जो होता है , पेट भरने के लिए हो , पर यहाँ तो आधुनिकीकरण का ऐसा नसा और चस्सका है ,| की बस इसके बिना नहीं रह सकते , मोबाइल, t v ..ac , फ्रिज, कंप्यूटर, के बिना नहीं रह सकते , भले ही बिजली न रहे , अब तो घर घर की शान मोटर साइकिल , के बिना भी, घर से निकलना इज्जत का सवाल हो गया है , कल तक ये सब नहीं था , तो महगाई बिलकुल नहीं थी , |
यदि सरकार घोषणा कर दे की तेल- गैस के दाम बेवजह , बढ़ रहे है , |अब जनता विभिन्न माडल वाली साइकिल से चलेगी तो ये तेल व गैस कंपनिया अपने औकात पर आ जाएगी , क्यों की काम भर तेल तो हमारे भारत में भी है , और हमारे पडोसी गरीब देशो में पेट्रोल- गैस के दाम यहाँ की भारत की तुलना में काफी कम है ,?|फिर हमारे यहाँ यह महंगा कैसे है ,|?
लोग भूखो मर रहे है , अनाज वर्षा से भीगकर और तथा गोदामों की थर्ड क्लास रख रखाव में सड रहा है , पर यह किसी को मुफ्त नहीं मिलेगा , क्यों ,,,,,,क्यों की महगाई बढ़ाना है , इन अनाजो को मिलो में नहीं भेजा जायेगा , इनके कुरकुरे चिप्प्स, बिस्कुट, और पिसा आटा packet नहीं बनेगे, अगर उत्पादन से उत्पादन नहीं बना सकते तो ये अन्न पडोसी देशो को उधार या फ्री में गिफ्ट कर दो निर्यात करो क्यों की जब मेहनत सड़ती है तो प्याज के आंसू नहीं निकलते , ?????
मेरी दूसरी बात महगाई का कारण है , corruption भ्रस्टाचार ये अपना काम तो करते नहीं , बल्कि दुसरो को भी अपना काम करने में गतिरोध करते है , क्यों की जहा जल होगा वहा तो कुछ तो छलकेगा ही , एक मजदुर लाख रूपये कमाते- कमाते मर जाता है , यदि व्यक्ति का जीवन बीमा हो सकता है तो , फिर करोंडो की बनी सडको का बीमा , हर्जाना, सजा , क्यों नहीं ? हमें या तो एक सख्त सरकार चाहिए या एक सख्त कानून, या सख्त जनता ?????
लेखक ;-देखते सुनते .....रविकान्त यादव
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