द्वापर के एक देव को उनके काल के लोगो ने उन्हें महान तत्वज्ञाता बताया तो कुछ लोग उन्हें फॉलो करने वाले,उन्हें धरती का भूभार हरण करने वाला बताया ,।
वही एक देव ऐसे आये जिन्होंने जीवो और जीने दो कहा जो द्वापर युग के देव से असहमत थे , ।
वही एक देव ने कहा मध्यम मार्ग पर चलो , अपना रास्ता स्वयं खोजो , तो एक देव ऐसे भी आये जिन्होंने कहा मध्यम मार्ग क्या ?? श्रद्धा और संयम रखो सभी का ईश्वर एक है ॥
एक देव आये जिन्होंने त्याग और बलिदान करना बताया तो एक देव ऐसे भी आये जिन्होंने उनके उलट कहा सत्य वही है , जहा काल मर गया ।
एक धर्म संस्थापक जिन्होंने कहा , अच्छाई अपनी जगह है , छोटी -छोटी गलतियों के लिए उसका त्याग -परित्याग नहीं किया जाता ।
ये सभी देव उपरोक्त किसी के विरोधी नहीं थे ,। फिर भी अनजाने ही, एक दूसरे के मत से असहमत भी थे ,।
इस दौरान तमाम महापुरुष आये जिन्होंने इनकी बातो को प्रचारित किया ।
इन लोगो के अलग अलग धर्म वाले बने और इनके ज्ञान को संग्रह पुस्तके भी बनी ,। प्रश्न यही है , हम सभी धर्मो का आदर करने वाले है ,। कहा किस बात को स्वीकार करे या न करे वो आप पर निर्भर है , जहा तक अच्छाई -बुराई की बात है , दोनों जल की तरह अपना रास्ता खोज लेते है ।
वो हमारे अंदर है । क्यों कि हमारे पास दिल , दिमाग और शरिर तीनो है ॥
लेखक ;- filth destroyer …Ravikant yadav
वही एक देव ऐसे आये जिन्होंने जीवो और जीने दो कहा जो द्वापर युग के देव से असहमत थे , ।
वही एक देव ने कहा मध्यम मार्ग पर चलो , अपना रास्ता स्वयं खोजो , तो एक देव ऐसे भी आये जिन्होंने कहा मध्यम मार्ग क्या ?? श्रद्धा और संयम रखो सभी का ईश्वर एक है ॥
एक देव आये जिन्होंने त्याग और बलिदान करना बताया तो एक देव ऐसे भी आये जिन्होंने उनके उलट कहा सत्य वही है , जहा काल मर गया ।
एक धर्म संस्थापक जिन्होंने कहा , अच्छाई अपनी जगह है , छोटी -छोटी गलतियों के लिए उसका त्याग -परित्याग नहीं किया जाता ।
ये सभी देव उपरोक्त किसी के विरोधी नहीं थे ,। फिर भी अनजाने ही, एक दूसरे के मत से असहमत भी थे ,।
इस दौरान तमाम महापुरुष आये जिन्होंने इनकी बातो को प्रचारित किया ।
इन लोगो के अलग अलग धर्म वाले बने और इनके ज्ञान को संग्रह पुस्तके भी बनी ,। प्रश्न यही है , हम सभी धर्मो का आदर करने वाले है ,। कहा किस बात को स्वीकार करे या न करे वो आप पर निर्भर है , जहा तक अच्छाई -बुराई की बात है , दोनों जल की तरह अपना रास्ता खोज लेते है ।
वो हमारे अंदर है । क्यों कि हमारे पास दिल , दिमाग और शरिर तीनो है ॥
लेखक ;- filth destroyer …Ravikant yadav
अच्छी जानकारी दी आपने
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