जिंदगी के झंझावात में किसको फुरसत है , मुस्कान की ,
आओ बैठो मिलकर साथ , यही है, कीमत जान की ।
ये डगरिया वो डगरिया ,कई डगरिया अन्जान की ,
ये पल फिर मिलेगा नहीं , कीमत है ,चेहरों के पहचान की ॥
यदि कोई अपने तमाम गम , परेशानिया भुलाकर दुसरो के चेहरे पर मुस्कान देखना चाहता है ,तो यह एक महान प्रयास होगा , । दुसरो को खुश देखने वाले आज काम होते जा रहे है , आज व्यक्ति अपने परेशानियों से इतना परेशान नहीं है , जितना की दुसरो को खुश देखकर , ऐसे में स्वयं बिदूषक बन मुस्कान बाटना , शरिर में रक्त संचार को बढ़ाना है ।
यह एक बहुत बड़ी कला है , यदि कोई निराश ,हताश व भयभीत है , तो उसे सामान्य करना आसान नहीं होता ।
अवसर पहचान आप को अपनी क्षमता , वाकपटुता ,
किसी को कष्ट दिए बिना सामान्य करना हँसा देना आता है , तो आप औरो से अलग है । विज्ञानं और डॉक्टर भी लाफ्टर थैरेपी अपनाने को कहते है । क्यों की मुस्कान बाटना आसान बात नहीं है ,।
गंभीर बात भी हंसी में टालने की कला है । just joking यार। …। हा इसके लिए एक पवित्र मन और दिल चाहिए। … क्यों की हसने- हँसाने में कोई पैसा नहीं लगता। .... जिंदगी रोने- रुलाने के लिए नहीं मिली है , खुश रहो और खुशिया बांटो। …॥
एक बार दो दोस्त आम के पेंड के नीचे बैठे काफी देर से बाते कर रहे थे , तभी आम के फल टपकने लगते है , दोनों दोस्त आश्चर्य में थे , ये कैसे टपक रहे है , तभी आम बोलता है, अरे हम तुम दोनों की बाते सुन सुन कर पक गए है ,॥
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दो महा कंजूस दोस्त थे ,दोनों एक दूसरे को याद करते व मिस काल करते रहते , होली आई दोनों मिले , एक ने कहा यार तू भी कंगाल मै भी कंगाल तो चलो खेले मिस काल मिस काल ……। तो दूसरा दोस्त बोला यार वो सब तो ठीक है , पर तुम्हे नहीं लगता इस खेल में जोखिम बहुत है ॥
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विज्ञान के एक टीचर ने पूछा , बिजली चमकती है , तो पहले दिखाई देती है ,और सुनाई बाद में , बताओ कैसे?? तो एक विश्वासी छात्र उठा और उसने बताया सर क्यों की आँखे पहले ऊपर होती है और कान नीचे बाद में इसलिए ,, तो टीचर शांत फिर थोड़ी देर बाद बोला ऐसा हो सकता है ,॥
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डॉक्टर मनो रोगी से ऐ तुम ऊपर क्यों लटके पड़े हो , रोगी;- मै एक बल्ब हु , डॉक्टर ;- जब तुम बल्ब हो तो फिर जलते क्यों नहीं
मनोरोगी;- दिखाई नहीं देता बिजली गुल है ।
तोड़ी देर बाद लाइट आती है , तो डॉक्टर पुनः रोगी के पास पहुचता है , तो मनोरोगी अजीब स्टाइल में टेबल पर बैठा था , डॉक्टर;- रोगी से ये तुम क्या कर रहे हो , रोगी;- मै एक t.v. हु , डॉक्टर;- जब तुम एक t.v. हो तो कोई कार्यकर्म क्यों नहीं आ रहा है , मनोरोगी ;- दिखाई नहीं देता एंटीना नहीं है ।
थोड़ी देर बाद डॉक्टर एंटीना लेकर लौटता है , तो देखता है , रोगी कमरे में गोल गोल चक्कर काट रहा है , ।
डॉक्टर;- ये क्या कर रहे हो , रोगी;- मै एक पंखा हु , डॉक्टर;- तो फिर हवा क्यों नहीं आ रही है , रोगी ;- दिखाई नहीं देता मैं एक एग्जास्ट फैन हु ।
डॉक्टर गुस्से में पैर पटकता वहा से चला जाता है , दूसरे दिन डॉक्टर फील्ड में पहुचता है , तो देखता है ,रोगी फील्ड में बेतहासा दौड़ रहा है , डॉक्टर;- ये तुम क्या कर रहे हो , मनोरोगी ;- मै एक मोटरसाइकिल हु , ।
डॉक्टर चुपचाप एक कुर्सी खींचता है और कोने में बैठ जाता है , ।
थोड़ी देर बाद मनोरोगी थक कर बैठ जाता है , । डॉक्टर;- क्या हुआ , तुम्हारी गाड़ी रुक क्यों गयी ??, मनोरोगी ;- दिखाई नहीं देता पेट्रोल ख़त्म हो गया है । डॉक्टर खिन्न हो कर वहा से चला जाता है , ।
तीसरे डॉक्टर को खबर मिलती है , मनोरोगी रेलगाड़ी बना है , डॉक्टर;- तो हर्ज़ क्या है , जो बना है , बनने दो । -खबरी; - लेकिन अपने इंजन और हम लोगो को रेल का डिब्बा समझ लिया है ।
डॉक्टर ;- पुरे गुस्से और तैयारी से पहुचता है , तो मनोरोगी पेंड पर चढ़ जाता है ,॥ डॉक्टर;- तुम पेंड पर क्यों चढ़े हो , मनोरोगी ;- मै एक हवाई जहाज हु , डॉक्टर;- लेकिन तुम हवाई जहाज क्यों हो , रोगी;- क्यों कि तुम मुझे पकड़ न सको , । डॉक्टर उसे उतार कर हाथ पैर बाँध कर रजाई के अंदर डाल देता है , । मनोरोगी कापने लगता है ,। डॉक्टर;- अब क्यों गनगना रहे हो ,। मनोरोगी;- मै एक मोबाइल हु , डॉक्टर;- लेकिन मोबाइल तो ऐसे नहीं कापता , मनोरोगी ;-अब दिखाई नहीं दे रहा , साइलेंट मोड पर हु ॥
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एक ग्रामीण को उसका बेटा शहर से एक रेडियो गिफ्ट दिया , उस पर गाना आया ग्रामीण बहुत ख़ुश हुआ , तथा दूसरे गाने की फरमाइस की वह भी आ गया , इसी तरह तीसरे के बाद रेडियो में अलग कार्यक्रम चलने लगा , ग्रामीण ने एक और गाना सुनाने की फरमाइस की परन्तु वह नहीं आया। …आखिर वार्निंग देकर ग्रामीण रेडियो पटक दिया और रेडियो की बैटरी निकल कर नाचने लगती है , तब ग्रामीण बोला ;- अरे ई का भइया , गवइया भाग गइले और ढोलकिया यही छोड़ गलए…… ।
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एक शराबी रात को चुपके से घर में घुसता है , कही पकड़ा न जाय चुपके से किताब लेकर पढ़ने लगता है ,। कुछ देर बाद उसकी पत्नी कड़कती आवाज़ में बोलती है , आज फिर पीकर आये हो क्या जो , आधे घंटे से वो छोटा वाला सूटकेस खोलकर क्या कर रहे हो ,???
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अर्ज़ किया है , जिसे कोयल समझा वो कौवा निकला , दोस्ती के नाम पर हौवा निकला , जो कभी रोका करते थे ,पीने से आज सुबह उन्ही के जेब से पौवा निकला ,,॥
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अर्ज़ किया है , इतने कमजोर हुए तेरी जुदाई से ,अर्ज़ किया है , इतने कमजोर हुए तेरी जुदाई से ,
अब तो चीटियाँ भी घसीट ले जाती है , चारपाई से....॥
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प्रश्न;- आप अगर cow को परेशान करेंगे तो cow क्या बन जाएगी
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;उत्तर ;- अगर आप cow को परेशान करेंगे तो cow पकाऊ बन जाएगी ॥
लेखक;- joker…रविकांत यादव
आओ बैठो मिलकर साथ , यही है, कीमत जान की ।
ये डगरिया वो डगरिया ,कई डगरिया अन्जान की ,
ये पल फिर मिलेगा नहीं , कीमत है ,चेहरों के पहचान की ॥
यदि कोई अपने तमाम गम , परेशानिया भुलाकर दुसरो के चेहरे पर मुस्कान देखना चाहता है ,तो यह एक महान प्रयास होगा , । दुसरो को खुश देखने वाले आज काम होते जा रहे है , आज व्यक्ति अपने परेशानियों से इतना परेशान नहीं है , जितना की दुसरो को खुश देखकर , ऐसे में स्वयं बिदूषक बन मुस्कान बाटना , शरिर में रक्त संचार को बढ़ाना है ।
यह एक बहुत बड़ी कला है , यदि कोई निराश ,हताश व भयभीत है , तो उसे सामान्य करना आसान नहीं होता ।
अवसर पहचान आप को अपनी क्षमता , वाकपटुता ,
किसी को कष्ट दिए बिना सामान्य करना हँसा देना आता है , तो आप औरो से अलग है । विज्ञानं और डॉक्टर भी लाफ्टर थैरेपी अपनाने को कहते है । क्यों की मुस्कान बाटना आसान बात नहीं है ,।
गंभीर बात भी हंसी में टालने की कला है । just joking यार। …। हा इसके लिए एक पवित्र मन और दिल चाहिए। … क्यों की हसने- हँसाने में कोई पैसा नहीं लगता। .... जिंदगी रोने- रुलाने के लिए नहीं मिली है , खुश रहो और खुशिया बांटो। …॥
एक बार दो दोस्त आम के पेंड के नीचे बैठे काफी देर से बाते कर रहे थे , तभी आम के फल टपकने लगते है , दोनों दोस्त आश्चर्य में थे , ये कैसे टपक रहे है , तभी आम बोलता है, अरे हम तुम दोनों की बाते सुन सुन कर पक गए है ,॥
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दो महा कंजूस दोस्त थे ,दोनों एक दूसरे को याद करते व मिस काल करते रहते , होली आई दोनों मिले , एक ने कहा यार तू भी कंगाल मै भी कंगाल तो चलो खेले मिस काल मिस काल ……। तो दूसरा दोस्त बोला यार वो सब तो ठीक है , पर तुम्हे नहीं लगता इस खेल में जोखिम बहुत है ॥
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विज्ञान के एक टीचर ने पूछा , बिजली चमकती है , तो पहले दिखाई देती है ,और सुनाई बाद में , बताओ कैसे?? तो एक विश्वासी छात्र उठा और उसने बताया सर क्यों की आँखे पहले ऊपर होती है और कान नीचे बाद में इसलिए ,, तो टीचर शांत फिर थोड़ी देर बाद बोला ऐसा हो सकता है ,॥
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डॉक्टर मनो रोगी से ऐ तुम ऊपर क्यों लटके पड़े हो , रोगी;- मै एक बल्ब हु , डॉक्टर ;- जब तुम बल्ब हो तो फिर जलते क्यों नहीं
मनोरोगी;- दिखाई नहीं देता बिजली गुल है ।
तोड़ी देर बाद लाइट आती है , तो डॉक्टर पुनः रोगी के पास पहुचता है , तो मनोरोगी अजीब स्टाइल में टेबल पर बैठा था , डॉक्टर;- रोगी से ये तुम क्या कर रहे हो , रोगी;- मै एक t.v. हु , डॉक्टर;- जब तुम एक t.v. हो तो कोई कार्यकर्म क्यों नहीं आ रहा है , मनोरोगी ;- दिखाई नहीं देता एंटीना नहीं है ।
थोड़ी देर बाद डॉक्टर एंटीना लेकर लौटता है , तो देखता है , रोगी कमरे में गोल गोल चक्कर काट रहा है , ।
डॉक्टर;- ये क्या कर रहे हो , रोगी;- मै एक पंखा हु , डॉक्टर;- तो फिर हवा क्यों नहीं आ रही है , रोगी ;- दिखाई नहीं देता मैं एक एग्जास्ट फैन हु ।
डॉक्टर गुस्से में पैर पटकता वहा से चला जाता है , दूसरे दिन डॉक्टर फील्ड में पहुचता है , तो देखता है ,रोगी फील्ड में बेतहासा दौड़ रहा है , डॉक्टर;- ये तुम क्या कर रहे हो , मनोरोगी ;- मै एक मोटरसाइकिल हु , ।
डॉक्टर चुपचाप एक कुर्सी खींचता है और कोने में बैठ जाता है , ।
थोड़ी देर बाद मनोरोगी थक कर बैठ जाता है , । डॉक्टर;- क्या हुआ , तुम्हारी गाड़ी रुक क्यों गयी ??, मनोरोगी ;- दिखाई नहीं देता पेट्रोल ख़त्म हो गया है । डॉक्टर खिन्न हो कर वहा से चला जाता है , ।
तीसरे डॉक्टर को खबर मिलती है , मनोरोगी रेलगाड़ी बना है , डॉक्टर;- तो हर्ज़ क्या है , जो बना है , बनने दो । -खबरी; - लेकिन अपने इंजन और हम लोगो को रेल का डिब्बा समझ लिया है ।
डॉक्टर ;- पुरे गुस्से और तैयारी से पहुचता है , तो मनोरोगी पेंड पर चढ़ जाता है ,॥ डॉक्टर;- तुम पेंड पर क्यों चढ़े हो , मनोरोगी ;- मै एक हवाई जहाज हु , डॉक्टर;- लेकिन तुम हवाई जहाज क्यों हो , रोगी;- क्यों कि तुम मुझे पकड़ न सको , । डॉक्टर उसे उतार कर हाथ पैर बाँध कर रजाई के अंदर डाल देता है , । मनोरोगी कापने लगता है ,। डॉक्टर;- अब क्यों गनगना रहे हो ,। मनोरोगी;- मै एक मोबाइल हु , डॉक्टर;- लेकिन मोबाइल तो ऐसे नहीं कापता , मनोरोगी ;-अब दिखाई नहीं दे रहा , साइलेंट मोड पर हु ॥
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एक ग्रामीण को उसका बेटा शहर से एक रेडियो गिफ्ट दिया , उस पर गाना आया ग्रामीण बहुत ख़ुश हुआ , तथा दूसरे गाने की फरमाइस की वह भी आ गया , इसी तरह तीसरे के बाद रेडियो में अलग कार्यक्रम चलने लगा , ग्रामीण ने एक और गाना सुनाने की फरमाइस की परन्तु वह नहीं आया। …आखिर वार्निंग देकर ग्रामीण रेडियो पटक दिया और रेडियो की बैटरी निकल कर नाचने लगती है , तब ग्रामीण बोला ;- अरे ई का भइया , गवइया भाग गइले और ढोलकिया यही छोड़ गलए…… ।
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एक शराबी रात को चुपके से घर में घुसता है , कही पकड़ा न जाय चुपके से किताब लेकर पढ़ने लगता है ,। कुछ देर बाद उसकी पत्नी कड़कती आवाज़ में बोलती है , आज फिर पीकर आये हो क्या जो , आधे घंटे से वो छोटा वाला सूटकेस खोलकर क्या कर रहे हो ,???
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अर्ज़ किया है , जिसे कोयल समझा वो कौवा निकला , दोस्ती के नाम पर हौवा निकला , जो कभी रोका करते थे ,पीने से आज सुबह उन्ही के जेब से पौवा निकला ,,॥
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अर्ज़ किया है , इतने कमजोर हुए तेरी जुदाई से ,अर्ज़ किया है , इतने कमजोर हुए तेरी जुदाई से ,
अब तो चीटियाँ भी घसीट ले जाती है , चारपाई से....॥
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प्रश्न;- आप अगर cow को परेशान करेंगे तो cow क्या बन जाएगी
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;उत्तर ;- अगर आप cow को परेशान करेंगे तो cow पकाऊ बन जाएगी ॥
लेखक;- joker…रविकांत यादव
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