Friday, July 17, 2015

परग्रही (alien)

अक्सर कयास या खबरे लगती है , क्या परग्रही है ,? इसका अभी तक प्रत्यक्ष या खुला प्रमाण नहीं मिला है । 
फिर भी ब्रह्माण्ड (galaxy ) में हमारी पृथ्वी समुद्र में एक बूँद या चीनी के एक दाने की तरह है ,। 
पृथ्वी ब्रह्माण्ड में एक बहुत-बहुत छोटा गृह है , फिर भी तमाम अन्य ग्रहो पर जीवन को इंकार नहीं किया जा सकता , लोगो द्वारा परग्रही व उनके यान (u. f. o. ) के देखे जाने की खबरे मिलती रहती है । 
विज्ञान की नजर से देखे तो अक्सर u.f.o. गोल व पतला होता है ,। गोल चपटे होने का आधार गुरुत्वाआकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करना और पतला होने से प्रकाश की गति तक रफ़्तार तय करना हो सकता है । 
जो गतिमान होने पर नज़र ही नहीं आती ,। अतः हो सकता है ये आस पास के 2 -4 प्रकाश वर्ष की दुरी वाले ग्रह से आते हो ,वो भी बहुत विकसित विज्ञान वाले ग्रह से संभव हो ।

 
दूसरा ये लोग प्रत्यक्ष क्यों नहीं आते ,जाहिर है ,शेरो के झुण्ड में भेंड़े या भैंसे  तो जाएगी नहीं , हम अरबो की संख्या वाले मानव के बीच ये चार -दस परग्रही  जाहिर होकर क्यों जान  की आफत लेंगे । 

50 -70 के दशक में अमेरिका में एक खबर या हो सके अफवाह फैली कि कोई परग्रही यान अमेरिका में कही दुर्घटनाग्रस्त  हो गया था , तथा वहा  की अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने घायल पड़े एलियन को ले गयी , यह बात भले ही दुनिया में खबर नहीं बनी , फिर भी इस अफवाह के बाद अमेरिका में एलियन पर बनने वाली फिल्मो को बाढ़ सी आ गयी । 
मीडिया व सोशल मीडिया में अब तक हज़ारो लोग u.f.o और एलियन होने,देखे जाने की बात करते रहे है ,। 
महाभारत में एक कथा आती है , किसी दूसरे ग्रह पर देव कहलाने वाले और दानवो में युद्ध हुआ , युद्ध में मदद के लिए देवराज इंद्र ने धरती से प्रतापी राजा मुचुकुन्द जी को बुलाया , आखिरकार  देवता युद्ध जीत गए ,परन्तु मुचुकुन्द जब धरती पर वापस आये तो युगो बीत गए थे , उनका राज़ -काज  तो दुर । 
दूर -दूर तक उनके नाती पोते तक नहीं रह गए थे । अतः मुचुकुन्द ने इंद्र से वरदान स्वरुप महीनो युद्ध में थके होने के कारण उन्होंने एक कंदरा में इंद्र से असीम नीद्रा का वरदान मांग लिया बाद में कृष्ण युग में उन्हें मोक्ष मिला । 
t.v पर unsealed alien जैसे कार्यक्रम भी आते है , तथा इनके देखे जाने आदि की बात यह कार्यक्रम फेसबुक पर share करने की बात कहता है ,इन्हे फेसबुक पर शेयर कर सकते है ,। फिर भी जिसे हम भूत -प्रेत कहते हो, हो सके वो एलियन हो । फिर भी एलियन सम्बन्धी बातो को इन पर बनने वाली तमाम फिल्मो के जरिये समझा जा सकता है । 

सोचिये अगर परग्रही भुखे  टिड्डियों के दल की तरह पृथ्वी पर आयेगे तो हमें क्या कह कर गाली देंगे , "मार डालो पानी के बने इन गुब्बारों को "॥ 
                                        लेखक;- धरतीवासी मानव.........रविकान्त यादव 







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