Friday, January 15, 2016

मेरे अमर विचार part 4 (my immortal thought my way and my world )

*गलती हमारी जुबान करती है , दर्द हमारे दिल को होता है , व  शिकायत हमारी आँखें करती है ,अतः कह सकते है ,किसी एक की वजह से तमाम लोग पीड़ित होते है । 

* सोच  व कर्म के जरिये हमारे अस्तित्व का निर्माण होता है । 

*कानून तभी तक सार्थक है , जब तक इसके रखवालो को भी इसका डर हो , और वो अपने सीमा में रहे । 

* ताक़त पर नियंत्रण न होने पर वह आत्मघाती होगा । 

*रोज चमकने वाले सूरज भी ग्रहण से अंधकारमय हो जाता है , अर्थात सौ अच्छाई पर एक बुराई भारी पड़  जाती है । 

* हमारा वर्तमान हमारे भूत से जुड़ा  हुआ है ,जो नजरो का भ्रम है , दीखता नहीं , भविष्य हमारे कर्म ,ज्ञान, समझ , वर्तमान से स्वयं का ढांचा बुनता है । 

* अगर एक सरकारी शिक्षक  अपनी तपस्या का १० प्रतिसत भी उदारता के साथ ज्ञान दे तो  देश के बेहतर  भविष्य को कोई नहीं रोक सकता । 

* घोर कांटो वाले बेर , बेल, भी अच्छा फल देते है , अतः सारा फेर नजरो का है , अतः दरिया दिल होना चाहिए । 

* दिल महसूस करने की क्षमता प्रदान करता है , यदि आप अच्छे बुरे में फर्क महसूस नहीं कर सकते तो आप इंसान नहीं है , क्यों कि  स्वार्थी दिमाग आपको नचाता रहेगा , अंततः  जाएगा । 

* दिल में नेकी हो तो वह कार्य आसान बन जाता है । 

* एक थके उदास चेहरे पर खुसी लाना बहुत बड़ी बात है । 

* गुड की असली मिठास तो उसके बधने में है । 


* महानता पूछ कर नहीं  आती ,अवसर बनाता  है । 

* सिखने और सिखाने की कोई उम्र नहीं होती है , हर उम्र में चुनौतियां है । 

* हमारे भाग्य में क्या लिखा है , ये कोई नहीं जानता , परन्तु हम भाग्य में क्या लिख सकते है , ये सभी जानते है । 

* कोई जरुरी नहीं की शेर के बच्चे शेर ही बने , शेर बनने के सपने में वो बिलार बन जाते है । 

* शाप दिया भी जा सकता है।  और लिया भी पर गलत भावना से शाप उल्टा असरकार आप के पास ही लौट आता है । 

*किसी का मजाक बनाने वाले अपने को छिपाने वाले , होते है , उनके लिए निंदनीय , शर्म , और गिरी हुई बात है । 

*कुछ बनाने के लिए कुछ समझना बहुत जरुरी है । 

* प्रतिशोध लेने से पहले सोच लो क्या तुम इसके काबिल हो ,शायद नहीं । 

*अँधेरे में परछाई भी साथ नहीं होती अतः दिशाहीन नहीं होना चाहिए । 

* तुम्हे क्या चाहिए , सोचो क्या तुम ,वास्तव में उस योग्य हो दिल की धड़कनो को आँखे बंद कर सुनो अगर वह सुनाई दे तो , तुम्हे जो चाहिए मांग लो , वह समय के साथ अवशय पूर्ण होगी । 

*न मै गलत हु न आप तो फिर ऐसी कोई ताक़त नहीं जो आपको और हमें मिलने से रोक सके । 

* क्यों हतोउत्साहित  होते हो , नदी का रास्ता तमाम पत्थर ,व घुमाव रोकते है , परन्तु उसकी पवित्रता भंग  व राह  रोक नहीं सकते , दुनिया वाले तमाम तरह से तुम्हे परेशान कर सकते है , परन्तु ध्यान रहे तुम एक नेक काम के लिए जा रहे हो इसकी पूर्णता तक तुम्हे कुछ नहीं हो सकता , यह तुम्हारे भस्िय में यश का मार्ग है , यदि कुछ होता भी है , तो तुम्हे ईश्वरीय सानिध्य प्राप्त होगा , यही पवित्र जीवन की नियति है , उठो और स्वार्थ रहित नेक कार्य की तरफ कदम बढ़ाओ । 

* हर युग में रावण होगा तो राम भी होगे । 


* महाभारत में शाप पाने के बाद राजमहल छोड़ पाण्डु जंगल में रहने लगते है , पर शाप से पीड़ित  परेशान , व्याकुल पाण्डु  , ने देखा कुछ महात्मा लोग कही जा रहे है , उन्होंने पूछा आप लोग कहा जा रहे है , कृपया मुझे भी साथ ले ले , तब महात्मा लोगो ने कहा "हम लोग इंद्र के दरबार में भोज खाने जा रहे है " तू वह नहीं जा सकता , क्यों की ? तू पुत्रहीन है , और पापी भी पाण्डु विलाप करते   हुए वापस आ जाते है , बाद में वो पांडवो के पिता कहलाये अतः समय सबसे बड़ा शिक्षक है । 

* एक लकड़ी से दूसरे लकड़ी को काटना असंभव के आसपास है । 

* अच्छाई के लिए त्याग किया जाता है , व बुराई  के लिए परित्याग । 

*ईश्वर ने बहुत सोच समझ कर मानव शरीर दिया है , अतः ईश्वर उन्ही का साथ देता है , जिनमे कर्म करने की क्षमता हो । 

* आपको जो बनना  पहले उसके अनुसार ढलो अपना आकर निश्चित करो क्यों की एक निश्चित आकार के बर्तन को भरने पर और नहीं भरा जा सकता । 

*समझदारी जानकारी से अच्छा दोस्त कोई दूसरा नहीं है । 

* प्यार एक ऐसी ताक़त है , जिसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है । 

* आज यदि आप पैसा रखो तो अपनी सुरक्षा भी रखो । 

*प्यार , पैसा , प्रतिष्ठा  तीनो को बना कर रखना जीवन में उपलब्धि वाली बात है । 

* नाली का कीड़ा नाली में ही मौज़ करेगा रहेगा , अतः उसी प्रकार गंदे लोग बुरे विकल्प में ही मज़ा पाते है । 

* दुनिया कर्म और प्रेम पर चल रही है । 

*तन्हाई हमें अपना मकसद बता देती है , । 


*झुण्ड से बिछुड़े पक्षी को बदहवास उड़ते चिल्लाते तो सभी ने देखा होगा पर वह क्यों बिछड़ा यह बहुत कम ही जानते होगे । 


* अच्छे लोग होते है , और बिना किसी स्वार्थ , पहचान , उपकार के आपको अचानक मदद भी करते है । 

* मज़बूरी जताने वाले आत्म निर्भर विजेता नहीं बन सकते । 

* वह परिपक्वता किस काम की जब जीने -जीलाने की खुशिया ही न रहे । 

* अपना कार्य स्वयं करने करने की काबिलियत हो ,वरना अपना चारा तो जानवर भी ढूंढ लेते है । 

*क्या एक साथ दो नावों की सवारी संभव है , हां जब दोनों एक साथ बंधी हो परन्तु कुछ समय बर्बाद जरूर जायेगा । 

*किसी  चीज़ को पाने की जरुरत हो , पागलपन नहीं । 

* जीत आपको मौके देती है , कई मौके नहीं । 

* आज़ादी हमें सोचना सीखा देती  है । 

*शांति में अन्य बाधा खलने लगती है । 

* तुम किसे ढूंढ रहे हो , मै तुम्हारे आस- पास हु  बस तुम्हे अपनी नजरो पर भरोसा कर लम्हों व कर्म में उतरना  होगा । 

*अमर होना बहुत छोटी बात है , क्यों की पहले जीना  सीख  लो । 

* अभाव हमें तपस्या करना सिखाता है ,और सच्चे कर्म को प्रेरित करता है । 

* किसी दशा में ईमान से समझौता नहीं करना चाहिए इसे बरकरार रखना दुर्लभ शक्ति है । 

* देश क्या है , उत्तर होगा देश हम है । 

* हम भारतीय पत्थरो पर सर नहीं झुकाते उस पत्थरो में बसने  वाले  अडिग, अटल, कठोर सिद्धांतो के आगे सिर झुकाते है । 

* जीने के लिए शांति की जरुरत होती है , और शांति के लिए मौत की । 

* आज तुम जो भी हो अपने पिछले कर्मो की वजह से । 

* अच्छा बनने का मन्त्र है  , मै तुम्हारे जैसा नहीं हु , क्यों की मै तुमसे अच्छा बेहतर बनुगा । 

* विद्या देने  में कंजूसी वाले सिमित हो जाते है । 

* भारत एक ऐसा देश है , अगर कोई त्यौहार रविवार को पड जाये तो त्यौहार का मज़ा ही बिगड़ जाता है । 

* देश का विकास शर्तो पर नहीं होता , जूनून व देशभक्ति से होता है । 

* ह्रास हर व्यापर का निकटतम सम्बन्धी है । 

* युगो बदल जाते है ,पर प्रेम वही का वही रहता है । 

*मै भूत हु ,वर्तमान हु, और भविष्य हु , मै ही राम हु मै ही रहीम हु क्योकि इसका कारण ये है , मै तुममे  हु और तुम मुझमे हो । 

*शायद दोस्ती की मिठास से मीठा कुछ भी नहीं है , शहद भी नहीं । 

* हम यहाँ जीने आए है मरने नहीं तभी तक जब तक अच्छे कार्य करे । 

* अच्छे व्यक्तियों के लिए अपना ही धर्म समझने में जीवन बीत जायेगा दूसरे धर्म की तो बात ही छोड़ दे । 

* यदि आप बुरे है तो अपने उसी काम के लिए एक नौकर रख ले । 


* मेहनती लोग इज्जत के काबिल होते है । 

* गाँव , शहर , राज्य या देश की बागडोर आपको मिले तो बड़ा दुःख होगा क्यों की सके लिए २४ घंटे सोचना ही नहीं वरन कार्य भी करना पड़ेगा । 

* कभी कभी शांति आत्मघाती साबित हो सकती है , चाहे वह वर्तमान हो , तुलना हो, नज़ारे हो , या फिर हितकर भविस्य हो । 

* कुछ लोग यह नहीं सोचते उन्हें कौन सी ट्रैन पकड़नी है , क्या फर्क पड़ता है , कही न कही तो पहुंच ही जायेगे 
लेखक;- विचारक......... रविकान्त यादव join me on facebook.com/ravikantyyadava 



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