दो लोग थे , कही किसी कार्य क्षेत्र में पहचान बनी , धीरे धीरे दोस्त बने , दोनों अपने -अपने कार्य क्षेत्र में दिग्गज महारथी थे , धीरे धीरे दोनों पक्के दोस्त बनते गए , मगर दोनों के आचरण में जमींन आसमान का अंतर था ।
एक शाकाहारी ,सादा जीवन वाला था , तो दूसरा माँसाहारी तथा नशेड़ी था , । धीरे-धीरे दोनों गहरे दोस्त बनते गये , मिलते तो घंटो बाते करते , समय के साथ दोनों की दोस्ती बनी रही ।
परन्तु उन दोनों को स्वयं भी मालूम नहीं चला कि चुपके -चुपके शाकाहारी दोस्त थोड़ा -थोड़ा माँसाहारी व नशेड़ी बन चुका था ।
तथा नशेड़ी और माँसाहारी दोस्त धीरे -धीरे चुपके से शाकाहारी व सादा जीवन की तरफ अग्रसर हो चुका था ।
लेखक;- संगत से …… रविकान्त यादव
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