Saturday, June 20, 2015

अनन्त (infinitive,eternal )


क्रोध का अंत है ,।
शांति अनंत है ,॥ 

घृणा का अंत है ,। 
करुणा अनंत है ,॥ 



शक्तियों का अंत है ,। 
सहयोग अनंत है ,॥ 


विष का अंत है ,। 
मिठास अनंत है ,॥ 


वैराग्य का अंत है ,। 
साथ अनंत  है ,॥ 



अज्ञान  का अंत है ,। 
ज्ञान  अनंत है ,॥ 


गर्व का अंत है ,। 
सरलता अनंत है ,॥ 

 धन का अंत है ,। 
संतोष अनंत है ,।। 

ईर्ष्या का अंत है ,। 
प्रेम अनंत है ,॥ 


अधर्म (बुरे कार्य ) का अंत है ,। 
धर्म (अच्छे कार्य ) अनंत है ,॥

पद,प्रतिष्ठा का अंत है ,। 
प्रेरणा  अनंत है ,॥ 

ऊष्मा का अंत है ,। 
शीतलता अनंत है ,॥ 


श्रद्धालु का अंत है ,। 
श्रद्धा  अनंत है ,॥ 

संकोच का अंत है ,। 
हृदयता अनंत है ,॥ 

चाहतो का अंत है ,। 
त्याग अनंत है ,॥ 

मोतियों का अंत है ,। 
सीपीया  अनंत है ,॥ 

रास्तो का अंत है ,।
सम्भावनाये अनंत है ,॥


पौधों का अंत है ,।  
पत्ते अनंत है ,॥ 


घोसलों का अंत है ,। 
तिनके अनंत है ,॥ 

मानव का अंत है ,। 
मानवता अनंत है ,॥ 

एकाकी का अंत है ,। 
आशीर्वाद अनंत है ,॥ 

जीवन का अंत है ,। 
उपलब्धिया अनंत है ,॥ 


यदि सूर्य का अंत है ,॥ 
तो तारे अनंत है ,॥ 

यदि धरती का अंत है ,। 
तो धरा अनंत है ,॥ 

भूत का अंत है ,॥ 
भविष्य अनंत है ,॥ 

पाप का अंत है ,। 
पुण्य अनंत है ,॥ 
लेखक;- अंततोगत्वा......... रविकान्त यादव






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