Saturday, December 19, 2015

धर्मज्ञ (savant person )

हम अक्सर whatapp पर एक धर्म को लेकर एक दमदार मगर बरगलाने वाला बयान पढ़ते है ,। 
कही कोई दूसरा हम पर तो कही हम उसपर दमदार सधे वकील की तरह तमाम दलीले देकर समझाते  है । हम अपनी बात पर सही बन  गए । 

 

मै पूछता हु हम होते कौन है ,? एक दूसरे के धर्म के ऊपर बात करने वाले ,हम अपना ही धरम ही  सही से जान जाये वही बहुत है , सांप तो हर धर्म में मुह उठाये फिरते रहते है ,। 

पर हम यह क्यों भूल जाते है ,एक ईगल -चील -बाज़ कभी भी अनजान सांप को कभी भी ख़त्म कर सकती है ,धर्म के नाम पर भ्रमित करने वालो का स्वयं न कोई मंजिल होती है , न कोई रास्ता ये तो वो सांप होते है , जो जहर उगलने को तत्पर रहते है ।
और पता न जाने कब ईश्वर रूपी चील के पंजे से बच नहीं पाते । 
धर्म अच्छे लोगो से बनता है , लड़ाई धर्म की नहीं है,लड़ाई सज्जनता और दुर्जनता की है ,।  हम यह क्यों भूल जाते है सभी धर्मो की बातो को जोड़ने पर भी एक धर्म बनता है ,और उसे खोजना जरुरी है । 
धर्म हमें दिग्भ्रमित होना नहीं सिखाता , ग्रन्थ  पढ़कर क्या होगा कोयले को दूध से धोने पर वह सफ़ेद थोड़े हो जायेगा , हम जानते है क्या सही है ,क्या गलत । क्यों कि हम अकेले धर्म के ठेकेदार नहीं है । 
जो अपने धर्म को जानेंगे वो दुसरो के धर्म पर अंगुली नहीं उठाते ,। 
हम क्या है ? हिन्दू -मुस्लिम -सिख-ईसाई -बौद्ध -जैन या इंसान यदि आप इसका उत्तर रखते या जानते है तो ही आप धर्मज्ञ है । 

                        लेखक;-धर्म से...... रविकान्त यादव join me on facebook.com/ravikantyadava 







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