Friday, May 18, 2012

दर्द-दया-दुआ


एक सज्जन इधर-उधर भटक रहे थे , उनके सहृदयता को देखकर उनको एक निजी अस्पताल मे नौकरी मिल गयी ,|

वह अपना कार्य पूरी निस्ठा से करते वह अस्पताल से मरीजो को देखभाल करते , दिन दुखीयों  की सेवा करते , दवा बांटते तथा उन्हे ढांधस बाधते, जल्दी अच्छे होने की कामना करते , माथे  पर हाथ फेरते  , तथा पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाते परिणाम स्वरूप गंभीर रोगी भी , मौत , दर्द , सुबकते लोग खट्टे मीठे आंसुवों के साथ ठीक  हो जाते ,तथा रोगियो की उम्र बढ़ जाती , |


यह बात न्याय और सांसारिक गतिविधियो का लेखा जोखा रखने वाले देवता यमराज के कार्यकर्ता व्यवस्थापक मुन्सी चित्रगुप्त को हुई तो उन्हे आश्चर्य ,यह कैसे हो सकता है ,? जिसकी मृत्यु होनी थी वो  जी रहा है ,|

यमराज अपने दूतो को धरती पर इस रहस्य कारण का पता लगाने को बोलते है , तो पता चलता है , एक नेक सज्जन अपने पूरी ममता से मरीजो की सेवा से आशीर्वाद देकर  उनको उनको स्वस्थय ही नहीं करता , बल्कि उनकी आयु (उम्र) भी बढ़ा देता है , |




तब यमराज अपने शक्तियो से उस व्यक्ति की शक्तियो का पता करते है , कि वह कैसे मरीजो की उम्र बढ़ा देता है ? , वो कौन सी शक्ति है ,| ? पर वह किसी तरह ज्ञात नहीं कर पाते है ,??? तब वह उस व्यक्ति पर नज़र रखते है , उसकी सांसारिक गतिविधियो को देखते है ,| तो पता चलता है , वह जहरीले साँपो का दुश्मन है , उन्हे मार देता है ,|

यमराज यह बात सभी जहरीले प्राणियो को बता देते है ,|परिणाम स्वरूप एक दिन उस सज्जन की घूमते हुए , विषधर के दंश से मौत मिल जाती है ,|

लेखक;- सहृदयता .. विकल्प के साथ ..रविकान्त यादव














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